Cheech Makaude
जो आज कला है, कल तक एक बला थी, जिस बला को सबने एक नाम दे दिया था हर कॉपी हर किताब पे घर की दीवारों से, घर के फलों तक ये ही एक इलज़ाम दे दिया था, तो अब येही सही, मतलब ढूँढने की कोशिश जारी रहेगी, कभी ज्यादा तोह कभी थोड़े, शुरू हो चुके हैं, चीच मकौड़े!!!!
Tuesday, July 5, 2011
Monday, June 20, 2011
चीच मकौड़े...
जो आज कला है,
कल तक एक बला थी,
जिस बला को सबने एक नाम दे दिया था
हर कॉपी हर किताब पे
घर की दीवारों से, घर के फलों तक
ये ही एक इलज़ाम दे दिया था,
तो अब येही सही,
मतलब ढूँढने की कोशिश
जारी रहेगी,
कभी ज्यादा तोह कभी थोड़े,
शुरू हो चुके हैं,
चीच मकौड़े!!!!
कल तक एक बला थी,
जिस बला को सबने एक नाम दे दिया था
हर कॉपी हर किताब पे
घर की दीवारों से, घर के फलों तक
ये ही एक इलज़ाम दे दिया था,
तो अब येही सही,
मतलब ढूँढने की कोशिश
जारी रहेगी,
कभी ज्यादा तोह कभी थोड़े,
शुरू हो चुके हैं,
चीच मकौड़े!!!!
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